बकरी का वैज्ञानिक नाम (bakri ka vaigyanik naam) : Hindi Gk
Hello दोस्तों! क्या आप बकरी का वैज्ञानिक नाम जानते हैं? आज हम बकरी के वैज्ञानिक नाम और बकरी के नस्लों के बारे में जानेंगे। क्योंकि अक्सर देखा जाय तो प्रतियोगी परीक्षाओं में जीव-जंतुओं के वैज्ञानिक नाम पूछे जाते हैं।
इसलिए हम आपके लिए आज बकरी का वैज्ञानिक नाम लेकर आये हैं। और आठ ही बकरी से सम्बन्धित प्रश्नो को भी जानेंगे।
यह भी पढ़े - 50 से ज्यादा विलोम शब्द
बकरी का वैज्ञानिक नाम क्या है (Bakri Ka Vaigyanik Naam)
बकरी का वैज्ञानिक नाम Capra aegagrus hircus ( कैप्रा एगेग्रस हिरकस ) है। बकरी एक पालतू पशु है जो दूध और मांस के उद्देश्य से पाली जाती है।
बकरी का वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत | जंतु |
संघ | रज्जुकी (Chordata) |
वर्ग | स्तनधारी (Mammalia) |
गण | द्विखुरीयगण (Artiodactyla) |
कुल | बोविडी (Bovidae) |
उपकुल | काप्रीनी (Caprinae) |
वंश | Capra |
जाति | C. aegagrus |
उपजाति | C. a. hircus |
आप बकरी का वैज्ञानिक नाम तथा वैज्ञानिक वर्गीकरण जान गए होंगे। अब हम बकरी से सम्बंधित कुछ जानकारी भी पढ़ लेते हैं। जो परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
बकरी की जानकारी (Goat Information In Hindi)
बकरी एक घरेलू जानवर है यह ऐसा दुधारू पशु है, जो कम से कम आहार पर अपना जीवन निर्वाह कर लेती है। जिसे दूध और मांस के उद्देश्य से पाला जाता है। इसके अलावा बकरी (bakary) से रेशम, चमड़ा और बाल भी प्राप्त किया जाता है।
बकरियों को मांस , बाल , दूध और खाल के लिए हजारों साल बकरियों का इस्तेमाल किया गया है । बकरियां दुनिया में पालतू और जंगली रूप में पाई जाती हैं। कुछ देशों में भारी भार ले जाने में मदद के लिए बकरियों का भी उपयोग किया जाता है ।
नर बकरियों की अधिकांश प्रजातियों में स्वाभाविक रूप से उनके सिर के शीर्ष पर दो सींग होते हैं। बकरी के सींग केराटिन पदार्थ से बने होते हैं , जिससे मानव नाखून भी बनाये जाते हैं ।
बकरी कई शिकारियों के लिए प्राकृतिक शिकार है, जिसमें तेंदुए , बाघ , बड़े सरीसृप और आमतौर पर मनुष्यों शामिल हैं। आज बकरी दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी पाई जाती है जहां बकरियों की खेती की जाती है और उनके मांस और खाल के लिए शिकार किया जाता है ।
बकरी की नस्ल (bakri ki nasl)
1. जमुनापारी बकरी (jamnapari goat)
इस नस्ल की बकरियां गंगा, जमुना एवं चंबल नदियों के बीच के क्षेत्र में आगरा इटावा इटावा जिलों में पाई जाती हैं। ये 4-5 किग्रा तक दूध प्रतिदिन दे देती हैं।
2. बरबरी बकरी (barbari goat
यह बकरी उत्तर प्रदेश के एटा, इटावा, आगरा, मथुरा जिलो में पायी जाती हैं। ये एक ब्यात मे 450 किग्रा तक दूध दे देती हैं।
3. कश्मीरी या पश्मीना बकरी (pashmina goat)
इस नस्ल की बकरी तिब्बत, लद्दाख एवं हिमालयन पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक पाली जाती हैं। मादा का भार 50 किग्रा तथा नर का भार 60 किग्रा होता है।
4. सूरति नस्ल बकरी (surati goat)
इस नस्ल की बकरियां गुजरात तथा महाराष्ट्र राज्य में अधिक पाई जाती हैं। विशेष रुप से सूरत और पूर्णा जिलों में अधिक संख्या में पाली जाती हैं। यह बकरियां 1 दिन में 1.5-2 लीटर दूध दे देती हैं।
5. मालाबारी बकरी (malabari goat)
इस नस्ल की बकरियां मालाबार तट पर अधिकांश पाली जाती हैं। इस नस्ल की सिंग वाली बकरियां 0.5 किलोग्राम से 2.5 किलोग्राम तक तथा बिना सिंग वाली बकरियां 1 किलोग्राम से 4 किलोग्राम दूध देती हैं।
6. गद्दी बकरी (gaddi goat)
इस नस्ल की बकरियां अधिकांश हिमालयन पर्वती क्षेत्रों जैसे कांगड़ा, चंबा आदि स्थानों पर पाई जाती हैं । इन पर बाल पाए जाते हैं, एक बार की कटाई में लगभग 1 किलोग्राम बाल एक बकरी से प्राप्त हो जाते हैं। यह बकरियां दूध बहुत कम देती हैं। 1 दिन में 0.5 किलोग्राम ही दूध देती हैं।
7. अंगोरा बकरी (angora goat)
इस नस्ल की बकरियां मद्धेशिया हिमालय की तलाठी एवं तिब्बत क्षेत्र में मुख्य रूप से पाए जाते हैं। इनका शरीर बालों से ढका रहता है जिन्हें 'मोहर' कहते हैं जो ऊनी वस्त्र बनाने के काम आते हैं। इनसे 1 वर्ष में 1-1.5 किलोग्राम प्राप्त हो जाती है।
8. सोनेन बकरी (saanen goat)
इस नस्ल की बकरियां का नाम स्विट्जरलैंड के बेली-सानन के नाम पर इनका नाम सोनेन रखा गया है। इस नस्ल की बकरियां 1 दिन में 4 से 6 किलोग्राम तक दूध दे देती हैं
9. बंगाली बकरी (black bangal goat)
इस नस्ल की बकरियां पूर्वी भारत के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों जैसे बंगाल तथा उड़ीसा राज्य में अधिक पाई जाती हैं। यह बकरियां दूध तो बहुत कम देती हैं। परंतु उनका मांस खाने में बहुत अच्छा माना जाता है। इन बकरियों का खाल भी बहुत मजबूत होता है।
10. बीटल बकरी (bital goat)
भारत में पंजाब तथा पाकिस्तान में रावलपिंडी तथा लाहौर क्षेत्रों में या बकरी पाई जाती है। यह बकरियां प्रतिदिन साडे 4 किलोग्राम दूध तक दे देती हैं
11. बारी एवं कमौरी बकरी (bari goat)
इस नस्ल की बकरियां सिंध के समीप के क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
12. जालवादी बकरी (jalvadi goat)
इस नस्ल की बकरियां काठियावाड़ क्षेत्रों में मुख्य रूप से पाई जाती हैं।
13. मेहसाना बकरी अथवा नार्थ गुजरात नस्ल (mehasana goat)
गुजरात प्रदेश के मेहसाना जिला के कांकरेज के पास का क्षेत्र तथा राधनपुर जिलों में इस नस्ल की बकरियां पाई जाती हैं। यह बकरियां अधिक दूध देने वाली होती हैं।
आप यहाँ बकरी की नस्लों के बारे में जान गए हैं । अब हम यह जान लेते हैं कि बकरी के दूध के क्या फायदे हैं।
यह भी पढ़े- 50 फलों के नाम संस्कृत में
बकरी के दूध के फायदे
बकरी का दूध बहुत हल्का होता है। इसमें वसा गोलिकाये छोटी-छोटी होती हैं। जिससे यह शीघ्र पच जाता है, इसलिए बकरी का दूध नवजात शिशुओं के लिये गुणकारी माना जाता है। बकरियों से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का मांस, खाल तथा बल प्राप्त होता है, जिनका निर्यात करके विदेशी मुद्रा प्राप्त किया जाता है।
बकरी से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न [FAQ]
उत्तर- मार्खोर दुनिया का सबसे बड़ा बकरा है।
Q. Bakri in English
उत्तर- बकरा को english में hegoat कहते हैं।