योजना आयोग का प्रतिस्थापना तथा योजना आयोग का नया नाम : योजना आयोग और नीति आयोग
योजना आयोग का प्रतिस्थापना किस से हुआ है ?
वर्तमान में योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है सत्य है या असत्य- हम आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा कि उनका इरादा योजना आयोग(Yojana aayog) को भंग करने का था। ; 2014 में इस संस्थान का नाम बदलकर NITI Aayog (भारत का राष्ट्रीय परिवर्तन संस्थान) कर दिया गया।
योजना आयोग का नया नाम -13 अगस्त 2014 को योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया और इसके स्थान पर NITI Aayog का गठन किया गया।
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योजना आयोग की स्थापना कब हुई थी।
योजना आयोग की स्थापना 15 मार्च , 1950 को की गई थी। भारत सरकार की प्रमुख स्वतंत्र संस्थाओं में से एक है। इसका मुख्य कार्य ' पंचवर्षीय योजनाएँ' बनाना है।
नीति आयोग का अध्यक्ष कौन होता है (niti aayog ka adhyaksh kaun hota hai)
भारत का प्रधानमंत्री नीति आयोग (योजना आयोग) का अध्यक्ष होता है। वित्तमंत्री और रक्षामंत्री योजना आयोग के पदेन सदस्य होते हैं। योजना आयोग (yojana aayog) की बैठकों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ही करता है। योजना आयोग किसी प्रकार से भारत की संसद के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है।
योजना आयोग का गठन कैसे और कब हुआ
भारत में ब्रिटिश शासन के अंतर्गत सबसे पहले 1930 ई . में बुनियादी आर्थिक योजनायें बनाने का कार्य शुरू हुआ । भारत की औपनिवेशिक सरकार ने औपचारिक रूप से एक कार्य योजना बोर्ड का गठन भी किया , जिसने 1944 से 1946 तक कार्य किया । निजी उद्योगपतियों और अर्थशास्त्रियों ने 1944 में कम से कम तीन विकास योजनायें बनाई थीं । स्वतंत्रता के बाद भारत ने योजना बनाने का एक औपचारिक मॉडल अपनाया और इसके तहत ' योजना आयोग ' , जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता था , का गठन 15 मार्च , 1950 ई . को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में किया गया ।
भारत की पहली पंचवर्षीय योजना की शुरुआत कब हुई थी?
देश की प्रथम पंचवर्षीय योजना सन 1951 में शुरू की गयी थी । इसके बाद 1965 तक दो और पंचवर्षीय योजनायें बनाई गयीं । सन 1965 के बाद पाकिस्तान से युद्ध छिड़ जाने के कारण योजना बनाने का कार्य में व्यवधान आया । लगातार दो सालके सूखे , मुद्रा का अवमूल्यन , क़ीमतों में सामान्य वृद्धि और संसाधनों के क्षरण के कारण योजना प्रक्रिया बाधित हुई और 1966 और 1969 के बीच तीन वार्षिक योजनाओं के बाद चौथी पंचवर्षीय योजना को 1969 में शुरू किया जा सका ।
योजना आयोग का गठन कब हुआ तथा योजना आयोग के पदेन अध्यक्ष कौन होता है?
योजना आयोग के पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं । इसके बाद आयोग का उपाध्यक्ष संस्था के कामकाज को मुख्य रूप से देखता है । नरेंद्र मोदी की सरकार बनने तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया थे , जिन्होंने बाद में इस्तीफ़ा दे दिया।
कुछ महत्त्वपूर्ण विभागों के कैबिनेट मंत्री आयोग के अस्थायी सदस्य होते हैं , जबकि स्थायी सदस्यों में अर्थशास्त्र ; उद्योग , विज्ञान एवं सामान्य प्रशासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं । ये विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर अपनी राय सरकार को देते रहते हैं।
आयोग अपने विभिन्न प्रभागों के माध्यम से कार्य करता है । आयोग के विशेषज्ञों में अधिकतर अर्थशास्त्री होते हैं , यह इस आयोग को भारतीय आर्थिक सेवा का सबसे बड़ा नियोक्ता बना देता है।
योजना आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष कौन है? योजना आयोग के उपाध्यक्ष की सूची
योजना आयोग (yojana aayog) के प्रथम उपाध्यक्ष गुलजारीलाल नंदा थे तथा योजना आयोग के अंतिम उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया थे।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष की सूची - योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में टी . कृष्णमाचारी , सी . सुब्रह्मण्यम , पी . एन . हक्सर , मनमोहन सिंह , प्रणब मुखर्जी , के . सी . पंत , जसवंत सिंह , मधु दंडवते , मोहन धारिया और आर . के . हेगड़े " लोगों ने भूमिका निभाई
योजना आयोग के पूर्णकालिक सदस्य कौन कौन है?
- बीके चतुर्वेदी
- सौमित्र चौधरी
- सईदा हमीद
- नरेन्द्र जाधव
- अभिजीत सेन
- मिहिर शाह
- कश्मीर कस्तूरीरंगन
- अरुण माइरा
नीति आयोग की प्रमुख कार्य योजन
GDP ( सकल घरेलू उत्पाद ) विकास दर ( बारहवीं पंचवर्षीय योजना ) सन 1950 के संकल्प द्वारा योजना आयोग की स्थापना के समय इसके कार्यों को इस प्रकार परिभाषित किया गया ।
• देश में उपलब्ध तकनीकी कर्मचारियों सहित सामग्री , पंजी और मानव संसाधनों का आकलन और राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुरूप इन संसाधनों की कमी को दूर करने हेतु उन्हें बढ़ाने की सम्भावनाओं का पता लगाना।
• देश के संसाधनों के सर्वाधिक प्रभावी तथा संतुलित उपयोग के लिए योजना बनाना ।
• प्राथमिकताएँ निर्धारित करते ऐसे क्रमों को परिभाषित करना , जिनके अनुसार योजना को कार्यान्वित किया जाये और प्रत्येक क्रम को यथोचित पूरा करने के लिए संसाधन आवंटित करने का प्रस्ताव रखना ।
• ऐसे कारकों के बारे में बताना , जो आर्थिक विकास में बाधक हैं और वर्तमान सामाजिक तथा राजनीतिक स्थिति के दृष्टिगत ऐसी परिस्थितियाँ पैदा करने की जानकारी देना , जिनसे योजना को सफलतापूर्वक निष्पादित किया जा सके ।
• इस प्रकार के तंत्र का निर्धारण करना , जो योजना के प्रत्येक पहलू को एक चरण में कार्यान्वित करने हेतु ज़रूरी हो ।
• योजना के प्रत्येक चरण में हुई प्रगति का समय - समय पर मूल्यांकन और उस नीति तथा उपायों के समायोजना की सिफारिश करना जो मूल्यांकन के दौरान जरूरी समझे जाएँ ।
• ऐसी अंतरिम या अनुषंगी सिफारिशें करना , जो उसे सौंपे गए कर्तव्यों को पूरा करने के लिए उचित हों अथवा वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों , चालू नीतियों उपायों और विकास कार्यक्रमों पर विचार करते हुए अथवा परामर्श के लिए केंद्रीय या राज्य सरकारों द्वारा उसे सौंपी गई विशिष्ट समस्याओं की जाँच के बाद उचित लगती हों
प्रधानमंत्री के पदेन अध्यक्ष होने के साथ, समिति में एक नामजद उपाध्यक्ष भी होता है , जिसका पद एक कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है । कुछ महत्त्वपूर्ण विभागों के कैबिनेट मंत्री आयोग के अस्थायी सदस्य होते हैं , जबकि स्थायी सदस्यों मे अर्थशास्त्र , उद्योग , विज्ञान एवं सामान्य प्रशासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं । आयोग अपने विभिन्न प्रभागों के माध्यम से कार्य करता है , जिनके दो प्रकार होते हैं
1. सामान्य योजना प्रभाग
2. कार्यक्रम प्रशासन प्रभाग
योजना आयोग (Yojana aayog) के विशेषज्ञों में अधिकतर अर्थशास्त्री होते हैं । यह इस आयोग को भारतीय आर्थिक सेवा का सबसे बड़ा नियोक्ता बनाता है । कैबिनेट मंत्रियों के समान ही आयोग के सदस्यों को वेतन तथा भत्ता दिया जाता है । आलोचक योजना आयोग (Yojana aayog) को एक " समानांतर मत्रिमण्डल " या " सर्वोच्च मत्रिमण्डल " कहते हैं
बारहवीं पंचवर्षीय योजना
सोवियत संघ की संस्था के तर्ज पर भारत में स्थापित योजना आयोग की प्रासंगिकता 90 के दशक में उदारीकरण के बाद खत्म होने होने लगी थी । लाइसेंस राज खत्म होने के बाद यह बिना किसी प्रभावी अधिकार के सलाहकार संस्था के तौर पर काम करती रही । अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बदलते वक़्त में हमें रचनात्मक सोच और युवाओं की क्षमता का अधिकतम उपयोग करने वाला संस्थान बनाने की जरुरत है ।
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योजना आयोग (Yojana aayog) के विवादित दावे
• 27.30 रुपये खर्च करने वाला ग्रामीण ग़रीब नहीं , 2011 में यह सीमा 26 रुपये थी ।
• 33.33 रुपये खर्च करने वाला शहरी ग़रीब नहीं , 2011 में यह सीमा 32 रुपये थी ।
• 4080 रुपये प्रतिमाह ( क़रीब 136 रुपये रोजना ) कमाने वाला पांच व्यक्तियों का ग्रामीण परिवार ग़रीबी रेखा से ऊपर । • 5000 रुपये प्रतिमाह ( क़रीब 166.5 रुपये रोजना ) कमाने वाला पांच व्यक्तियों का ग्रामीण परिवार ग़रीबी रेखा से ऊपर ।
योजना आयोग (Yojana aayog) की जगह मोदी का स्पेशल -5 पैनल
अंग्रेजी अख़बार ' द इकोनॉमिक टाइम्स ' की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शक्तियां लेने वाला पांच सदस्यीय थिंक टैंक योजना आयोग की जगह लेगा । अख़बार ने सूत्रों के हवाले से संभावना जताई है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु इस पैनल का सबसे अहम चेहरा हो सकते हैं । साथ ही मुक्त बाज़ार के हिमायती भारतीय - अमेरिकी अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया और विवेक देबरॉय भी इस टीम का हिस्सा हो सकते हैं । आधिकारिक रूप से पैनल की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ही करेंगे ।
नीति आयोग तथा योजना आयोग से संबंधित प्रश्न
उत्तर- योजना आयोग की स्थापना 15 मार्च , 1950 को की गई थी।भारत सरकार की प्रमुख स्वतंत्र संस्थाओं में से एक है। इसका मुख्य कार्य ' पंचवर्षीय योजनाएँ' बनाना है।
2. योजना आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष कौन है?
उत्तर- योजना आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष गुलजारीलाल नंदा थे।
3. वर्तमान में योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है?
उत्तर- हाँ योजना आयोग को समाप्त कर नीति आयोग की स्थापना की गई।
4. वर्तमान में योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है सत्य है या असत्य?
उत्तर- सत्य
5. योजना आयोग का नया नाम?
उत्तर- नीति आयोग
6. योजना आयोग की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर- योजना आयोग की स्थापना 15 मार्च , 1950 को की गई थी।
7. योजना आयोग के पूर्णकालिक सदस्यों की सूची?
- मोंटेक सिंह अहलूवालिया
- बीके चतुर्वेदी
- सौमित्र चौधरी
- सईदा हमीद
- नरेन्द्र जाधव
- अभिजीत सेन
- मिहिर शाह
- कश्मीर कस्तूरीरंगन
- अरुण माइरा
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